लोग तब तक मुझे मेरी खूबसूरती से जज
करेंगे जब तक मेरी काबिलियत से मात नहीं खा जाते.
खूबसूरती क्या है????
क्या 30-22-32 फिगर ही खूबसूरती
है? यदि हाँ! तो मुझे नहीं बनना खूबसूरत.
मुझे नहीं शौक कि मेरी स्लिम सी बॉडी को देखकर
लोग बोलें Wooow! मुझे पसंद है वो शरीर जिसे देखकर ही एकबार सहम जायें लोग, छेड़ने से पहले अपनी खैरियत सोचें और एक बार घूरकर देख दूं तो भाग निकलें.
मुझे नहीं पसंद वो झुकी हुई शरमाती हुई प्यारी
नजरें जो किसी का भी दिल जीत लेतीं हैं, खूबसूरत हैं वो आंखें जो घूरकर किसी को भी नजरें
झुकाने को मजबूर कर दें.
मुझे नहीं चाहिये वो गुलाबी रंग के मासूम से
मुलायम हाँथ जिन्हें कोई भी छूने को तरसता है, खूबसूरती होती है उन सख्त हाँथों से जो देखने से ही मजबूत लगते हों और अगर तबियत से एक थप्पड़ लगा दूं किसी को तो हफ्तों
तक चेहरा नीला पड़ा रहे.
लम्बे नाखून और गुलाबी हंथेली तस्वीरों मे
ही सुहाती है. जो पुरुष हमेशा और हर जगह कोमलता
कि ललक मे रहते हैं वही समय पर खाना, धुले कपड़े, घर साफ न मिलने पर भड़क जाते हैं.
समझदारी वो नहीं कि रोते हुए घर जाऊं और बड़े भैया से बताऊं कि किसी ने मेरे साथ गलत हरकत की, तारीफ तब है जब पूरे कॉन्फिडेंस के साथ घर जाऊं और बताऊं कि आज मैंने मेरे साथ गलत हरकत करने वाले को ऐसी सबक सिखाई कि आइन्दा किसी लड़की को छेड़ने से पहले दस बार सोचेगा.
समझदारी वो नहीं कि रोते हुए घर जाऊं और बड़े भैया से बताऊं कि किसी ने मेरे साथ गलत हरकत की, तारीफ तब है जब पूरे कॉन्फिडेंस के साथ घर जाऊं और बताऊं कि आज मैंने मेरे साथ गलत हरकत करने वाले को ऐसी सबक सिखाई कि आइन्दा किसी लड़की को छेड़ने से पहले दस बार सोचेगा.
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